Sant Gadge Maharaj speech in hindi – आप सभी को तो पता ही है की Sant Gadge Maharaj का हमारे जीवन पर कितना बड़ा प्रभाव पड़ा है। उनके जीवन से हम लोगों को बहुत कुछ सिकने को मिलता है। जो की हर बचे को सीखना चाहिए।
Sant Gadge Maharaj जी ने हमरे समाज के लिए जो भी कार्य कीये है। वो बहुत बड़े है। और उन कार्यों को हम अपने जीवन शैली के जरिए कर सकते है। और जैसे की आप सभी को पता ही है की 20 दिसम्बर को Sant Gadge Maharaj की पुण्यतिथि मनाई जाती है।
20 दिसम्बर को सभी स्कूल मे कार्यक्रम कीये जाते है जहा पर बहुते से बच्चे Sant Gadge Maharaj पर भाषण देते है तो हमने आपके लिए नीचे एक भाषण लिख है जो की आपको स्कूल मे देने मे आसानी होगी। अगर इस भाषण मे कोई गलती मिलती है तो आप इसे करेक्ट कीजिए और उसके बाद भाषण दीजिए।
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Sant Gadge Maharaj speech in hindi
प्रिय साथियों,
आज हम एक ऐसे महान संत और समाज सुधारक की चर्चा करने के लिए एकत्रित हुए हैं, जिन्होंने अपने जीवन को समाज की भलाई और स्वच्छता के प्रति समर्पित कर दिया। मैं बात कर रहा हूँ संत गाडगे महाराज की, जिनका जन्म 23 फरवरी 1876 को महाराष्ट्र के अमरावती जिले के शेंडगाँव गाँव में हुआ था। उनका मूल नाम देबूजी झिंगराजी जानोरकर था, और वे धोबी समुदाय से संबंध रखते थे।
संत गाडगे महाराज ने अपने जीवन में स्वेच्छा से गरीबी को अपनाया और विभिन्न गाँवों में घूम-घूमकर सामाजिक न्याय और सुधारों का प्रचार किया, विशेषकर स्वच्छता के क्षेत्र में। वे अपने सिर पर उल्टा मिट्टी का बर्तन पहनते थे और हाथ में झाड़ू रखते थे। जब वे किसी गाँव में प्रवेश करते, तो सबसे पहले वहाँ की नालियों और सड़कों की सफाई करते थे। उनका मानना था कि स्वच्छता ईश्वर की सेवा के समान है।
उन्होंने अपने प्रवचनों के माध्यम से मानवता की सेवा, करुणा, और अंधविश्वासों के खिलाफ जागरूकता फैलाने का कार्य किया। वे कबीरदास जी के दोहों का उपयोग करते हुए लोगों को अंधविश्वास और अनुष्ठानों से दूर रहने की शिक्षा देते थे। उन्होंने पशु बलि और शराब सेवन जैसी कुरीतियों के खिलाफ भी अभियान चलाया।
संत गाडगे महाराज का डॉ. भीमराव अंबेडकर के साथ गहरा संबंध था। दोनों ने समाज सुधार के लिए अपने-अपने क्षेत्रों में महत्वपूर्ण कार्य किए। गाडगे बाबा ने पंढरपुर में अपने छात्रावास की इमारत पीपल्स एजुकेशन सोसाइटी को दान कर दी, जिसकी स्थापना डॉ. अंबेडकर ने की थी। वे लोगों को शिक्षा के महत्व के बारे में बताते हुए डॉ. अंबेडकर का उदाहरण देते थे।
20 दिसंबर 1956 को, अमरावती जाते समय, वलगाँव के पास पेढ़ी नदी के तट पर संत गाडगे महाराज का निधन हो गया। उनकी स्मृति में महाराष्ट्र सरकार ने 2000-01 में ‘संत गाडगे बाबा ग्राम स्वच्छता अभियान’ की शुरुआत की, जिसके तहत स्वच्छ गाँवों को पुरस्कार दिए जाते हैं। इसके अतिरिक्त, अमरावती विश्वविद्यालय का नाम भी उनके सम्मान में ‘संत गाडगे बाबा अमरावती विश्वविद्यालय’ रखा गया है।
संत गाडगे महाराज के दस उपदेश आज भी हमारे लिए मार्गदर्शक हैं:
- भूखों को भोजन दो।
- प्यासों को पानी दो।
- नग्नों को वस्त्र दो।
- गरीब बच्चों को शिक्षा दो।
- बेघर को आश्रय दो।
- अंधों, विकलांगों, और बीमारों को दवा दो।
- बेरोजगारों को रोजगार दो।
- मूक पशुओं की रक्षा करो।
- गरीब युवकों और युवतियों का विवाह कराओ।
- दुखी और निराश लोगों को साहस दो।
संत गाडगे महाराज का जीवन हमें सिखाता है कि सादगी, परिश्रम, और नि:स्वार्थ सेवा के माध्यम से समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाया जा सकता है। उनकी शिक्षाएँ और कार्य आज भी हमारे लिए प्रेरणा स्रोत हैं, और हमें उनके दिखाए मार्ग पर चलकर समाज की भलाई के लिए कार्य करना चाहिए।
धन्यवाद।
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निष्कर्ष
आपने ये भाषण पूरा पड़ा होगा और हामे पता है की Sant Gadge Maharaj जी के ऊपर जो हमने ये भाषण लिखा है ओ आपके बहुत मदतगर होगा जो की आपको स्कूल मे दे सकते है।
नमस्ते, मेरा नाम सौरभ है और मुझे नई चीज सिकना और लिखना अच्छा लगता है। मुझे आर्टिकल लिखने मे 2 साल का अनुभव है और ए काम मुझे अच्छा लगता है। और मुझे आशा है की मेरे इस लेख मे आपको पूरी जानकारी मिली होगी।